राजघाट पर 24 अगस्त के महासंमेलन की तैयारी जोरदार रूप से जारी।
तुषार जोग, अंतरराष्ट्रीय कलाकार के साथ बच्चों का आविष्कार
देषभर के जन आंदोलनकारियेां के साथ पधारेगें, युवा विद्यार्थी भी ।
भूमि अधिकार का मुद्दा आज देष भर अहम राजनैतिक मुद्दा बन चुका हैं। भूमि अधिकार किसानो के लिये, ‘‘विकास’’ का आक्रमण और विस्थापन का आतंक से बचने के लिये अहम मुद्दा है। भूमि अधिग्रहण के आसर तो केवल भूमिधारी पर नही, भूमिहीन खेती मजदूरों पर भी होता हैं। भूमिहीनो में सम्मेलित है मछुआरे, कुम्हार नावडे वाले भी । इन सभी का अधिकार है जिने का और प्राकृतिक पर निर्भर है उनकी जीविका इसलिये, इन तमाम समाजो को एकत्रित आकर नर्मदा घाटी में सरदार सरोवर से उजडने के खिलाफ लड़ना पड रहा हैं ।
‘‘भूमि-आवास-आजीविका अधिकार’’ हजारो परिवारो को देना बाकी होते हुये सरदार सरोवर जैसे महाकाय बांध को आगे बढाने का जो अपराध शासक कर रहे है, उसी को विरोध जानने तथा नर्मदा धाटी के 45 हजार सरदार सरोवर परियेाजना ग्रस्तो के जीवन अधिकार सत्याग्रह को समर्थन देने पहुच रहे है, देष भर के जन आंदोलनकारी कल 24 अगस्त के रोज राजघाट में पधारने वालो की संख्या बढकर कई सारे सषक्त जनआंदोलनो के साथी समर्थक यहां एकत्रित हो रहें हैं। दिल्ली से योगेन्द्र यादव जी (जय किसान आंदोलन व स्वराज अभियान) संदीप पाण्डेय जी (सोसलिस्ट पार्टी व उत्तर प्रदेष), सी.के. जानू (केरल), इसके अलावा तमिलनाडू, उडिया, म0प्र0 बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र से आने वालो की संख्या बरीबन 100 हो गई है। विविध विद्यापीठ विष्वविद्यालय के युवा विद्यार्थी पधारे है, आंदोलन की जीवन शाला के बच्चे और अंतराष्ट्रीय कलाकार तुसार जोग कला प्रदर्षन में व्यस्त है। बड़वानी के कई संगठन/संस्थाअेां ने आंदोलन को व्यक्तव्य जाहीर करते हुये, समर्थन घोषित किया। महासम्मेलन में मछुआरे, केवट भी साम 5 बजे नावडा रेली निकालेगे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर युवाओं ने सत्याग्रह स्थल पर बैठक ली। जीवन अधिकार सत्याग्रह के 13वा दिन भी राजघाट स्थित सत्याग्रह स्थल पर डटकर बैठे है। आज ग्राम भवरिया, गांगली, सोदूल, के लोग सत्याग्रहण पर रहे।
(मीरा) (बिलाल खान) (मुकेष भगोरिया) (राहूल यादव)
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